चंडीगढ़। हरियाणा में सभी डॉक्टरों को अब इलाज और दवा का नाम साफ और कैपिटल लेटर में लिखना होगा। यह अपठनीय हुआ तो डॉक्टरों पर कार्रवाई होगी। स्वास्थ्य महानिदेशक ने शुक्रवार को राज्य के सभी सिविल सर्जनों को यह निर्देश जारी करते हुए कहा है कि इस गाइडलाइन को पक्के तौर
पर लागू करवाया जाए। यह प्रदेश के सभी सरकारी और निजी अस्पतालों के लिए होगा। दवा का नाम और उपचार इंग्लिश के कैपिटल लेटर यानी बड़े अक्षरों में लिखना अनिवार्य किया गया है,
स्वास्थ्य महानिदेशक ने निजी अस्पतालों में इसे लागू कराने की जिम्मेदारी इंडियन मेडिकल असोसिएशन (IMA) को सौपी है। सरकारी अस्पतालों में चंडीगढ़ की तर्ज पर कंप्यूटराइज्ड प्रेस्क्पिशन प्रणाली शुरू करने की तैयारी है।
पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने 27 अगस्त को आदेश जारी करते हुए कहा था कि डॉक्टर साफ और स्पष्ट अक्षरों में नुस्खे लिखें। यह मरीजों के जीवन के अधिकार का हिस्सा है। जब तक कंप्यूटर आधारित प्रणाली लागू नहीं होती, डॉक्टर कैपिटल और बोल्ड अक्षरों में दवा का नाम लिखें।
हाई कोर्ट ने डॉक्टरों की खराब लिखावट पर चिंता व्यक्त करते हुए इसे आश्चर्यजनक और भयावह बताया है।