2003 के मतदाता सूची में जुड़े मतदाताओं के माता पिता का नाम दर्ज रहने पर नहीं लगेगा आईडी कार्ड
2003 के मतदाता सूची या पहले के मतदाता सूची में नए वोटर के माता पिता या परिवार के सदस्यों का नाम ना होने पर देना होगा आईडी कार्ड
2003 या पहले से माता पिता या परिवार का वोटर लिस्ट में नाम होने पर नहीं लगेगा नए मतदाता का आईडी कार्ड , 2003 या पहले से नाम ना होने पर देना होगा नए मतदाता को आईडी कार्ड
गोरखपुर। सदर तहसील सभागार में इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ) ने 322 शहर विधानसभा के सुपरवाइजर और बीएलओ के साथ बैठक कर निर्देश दिए कि 2003 के आधार पर मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य ईमानदारी के साथ दिए गए दायित्वों का निर्वहन करेंगे आज के बैठक में अनुपस्थित बीएलओ व सुपरवाइजर के खिलाफ कार्यवाही करने का दिया निर्देश। ईआरओ ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की मजबूती और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने में बीएलओ की अहम भूमिका होती है एसडीएम सदर एवं इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर (ईआरओ) दीपक कुमार गुप्ता ने मतदाता सूची के पुनरंक्षिण कार्य को केंद्र में रखकर विस्तृत चर्चा किया।ईआरओ ने कहा कि “मतदाता सूची लोकतंत्र की रीढ़ है। इसकी शुद्धता, पारदर्शिता और समयबद्ध अद्यतन अनिवार्य है। यदि मतदाता सूची में त्रुटियां रह जाएंगी तो चुनाव की पूरी प्रक्रिया प्रभावित होगी।” उन्होंने एईआरओ और उपस्थित सुपरवाइजर बीएलओ को स्पष्ट निर्देश दिए कि बीएलओ मतदाताओं के धर धर जा कर 2003 में जुड़े मतदाता सूची में अगर उनके परिवार के पिता या माता का नाम मतदाता सूची में दर्ज है तो उनका आईडी कार्ड नहीं लेना है अगर 2003 के बाद मतदाता सूची में नए जुड़े मतदाताओं का नाम जुड़ा है माता पिता या परिवार के किसी सदस्य का नाम पहले से नहीं है तो जुड़े मतदाताओं का आईडी लेना अनिवार्य होगा बीएलओ फार्म 6,7,8 अपने साथ लेकर रखे आवश्यकता अनुसार उन्हें भरवाने का काम करे जनवरी 2027 को जिनकी उम्र 18 वर्ष पूर्ण होने वाली है उनको मतदाता सूची में जोड़ने का काम करे।
बैठक में बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) की भूमिका को सबसे अहम बताया ईआरओ ने शिक्षामित्र, पंचायत मित्र और ग्राम सेवक के रूप में कार्यरत बीएलओ को जिम्मेदारी का एहसास कराते हुए कहा कि उन्हें नाम जोड़ने, हटाने, संशोधन और अन्य प्रविष्टियों की शुद्धता सुनिश्चित करनी होगी। यह कार्य किसी भी स्थिति में लापरवाही से नहीं किया जाना चाहिए।
उन्होंने दो टूक कहा कि बीएलओ घर बैठकर मतदाता सूची का पुनरीक्षण कार्य नहीं करेंगे।
ईआरओ ने आगे कहा कि “किसी भी आपत्ति को लंबित न रखा जाए। सभी दावे और आपत्तियों का निस्तारण तय समयसीमा में किया जाना चाहिए। यह प्रक्रिया संवेदनशील भी है और लोकतांत्रिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण भी। बैठक में एईआरओ एवं सुपरवाइजर बीएलओ से ईआरओ ने दोहराया कि मतदाता सूची में किसी प्रकार की त्रुटि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को आघात पहुंचाती है, इसलिए प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी को इसे पूरी निष्ठा और पारदर्शिता के साथ संपन्न करना होगा। बैठक में एईआरओ /नायब तहसीलदार आकांक्षा पासवान चुनाव का कार्य देख रहे राजू सिंह सहित सुपरवाइजर बीएलओ मौजूद रहे।

