गोरखपुर, 13 सितंबर। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) के फैकल्टी आफ फार्मास्यूटिकल्स साइंस (फार्मा संकाय) द्वारा फार्माकोविजिलेंस जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य दवाओं के उपयोग के दौरान होने वाली संभावित समस्याओं के प्रति सतर्कता बढ़ाना और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में श्री गोरक्षनाथ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में फार्माकोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. राजेश दसराजू रहे। इस अवसर पर उन्होंने फार्माकोविजिलेंस का अर्थ स्पष्ट करते हुए बताया कि ‘फार्माको’ का अर्थ दवा और ‘विजिलेंस’ का अर्थ सतर्कता है। दवाओं से होने वाले दुष्प्रभावों पर निगरानी रखना और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित करना फार्माकोविजिलेंस का मुख्य उद्देश्य है।
डॉ. राजेश दसराजू ने दवा के विकास की प्रक्रिया, क्लिनिकल ट्रायल्स, आवश्यक डेटा संग्रह, और दवा के अनुमोदन तक की पूरी प्रक्रिया पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि फार्मा कंपनियां दवा विकसित करके कैसे लाभ प्राप्त करती हैं, उनका उद्देश्य क्या होता है, और दवाओं के शोध व परीक्षण के माध्यम से रोगियों को सुरक्षित एवं प्रभावी उपचार कैसे प्रदान किया जाता है। कार्यक्रम में फार्मा संकाय के डीन डॉ. एमएन पुरोहित, असिस्टेंट प्रोफेसरशिवेंद्र मणि त्रिपाठी सहित कई शिक्षक और फार्मा संकाय के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

