- #ब्रेकिंग
जबसे तस्वीरें “राहुल गांधी मलेशिया में” चलना शुरू हुई है, तभी से कांग्रेसी कहते है “यह निजी यात्रा है, चर्चा ठीक नहीं”
लेकिन
राहुल की मौजूदगी कुआलालंपुर में नहीं बल्कि लैंगकावी द्वीप पर दर्ज की गई।
लैंगकावी कोई आम पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि सुरक्षित और गुप्त मुलाकातों का हब माना जाता है।
यहां अंतरराष्ट्रीय थिंक-टैंक मीटिंग्स, गोपनीय राजनीतिक मुलाकातें, और डिप्लोमैटिक बैक-चैनल डीलिंग्स अक्सर होती रही हैं।
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#मलेशिया_हॉट_क्यों?
मलेशिया में अगले महीने 26 से 28 अक्टूबर को आसियान बैठक होनी है जिसमें अमरीकी राष्ट्रपति ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के भी आने की खबरें है, इसमें से ट्रंप की पुष्टि हो चुकी है।
इसके कारण सुरक्षा और प्रोटोकॉल के नाम पर मलेशिया के लैंगकॉवी में अधिकारियों और प्रतिनिधियों का आना_जाना लगातार बना हुआ है।
जी हां! वहीं लैंगकॉवी जहां से राहुल की तस्वीरें आई है, बैठक की तैयारियों के चलते, अमेरिकी और अन्य वैश्विक नेताओं की आवाजाही लगातार तेज है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और चीनी विदेश मंत्री वांग यी पहले ही मलेशिया में सक्रिय रह चुके हैं, और मलेशियाई प्रधानमंत्री अनवर इब्राहीम की हालिया चीन यात्रा ने इसे और भी संवेदनशील बना दिया है।
#2_सितंबर से ही अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट और चीनी विदेश मंत्रालय के उच्च अधिकारी लगातार इस क्षेत्र में आ-जा रहे हैं।
👉 खबर है कि डोनाल्ड ट्रंप का विशेष दूत भी इस बैठक से पहले मलेशिया पहुँच चुका है।
👉 चीनी पक्ष से CICIR (China Institutes of Contemporary International Relations) और यूनाइटेड फ्रंट वर्क डिपार्टमेंट के प्रतिनिधि भी इस दौरान मौजूद थे।
और
इसी बीच “छुट्टी” मनाने के बहाने राहुल गांधी अचानक #लैंगकॉवी पहुँच जाते हैं।
तो सबसे पहले इसे ही समझिए:
🌴#लैंगकावी ही क्यों —
स्थानिक नजदीकी:
लैंगकावी मलेशिया के पश्चिमी तट पर स्थित है, जबकि शिखर बैठक कुआलालंपुर में होगी।
दूरी लगभग 500–600 किमी है, लेकिन लैंगकावी एक हाई-प्रोफाइल और सुरक्षित द्वीप स्थल होने के कारण VIP नेताओं और विदेशी अतिथियों के लिए लोकप्रिय है।
#गुप्त या निजी बैठकें:
लैंगकावी अक्सर राजनीतिक नेताओं और अधिकारियों के निजी दौरों या रणनीतिक मीटिंग्स के लिए उपयोग होता है। यहाँ #VIP_नेताओं और विदेशी मेहमानों को मीडिया की नज़रों से दूर रखना आसान होता है।
हवाई अड्डा और रिसॉर्ट सुविधाएँ इसे छोटे और सुरक्षित कनेक्शन के लिए आदर्श बनाती हैं।
#मीडिया और रणनीति का महत्व:
लैंगकावी की यात्रा को सार्वजनिक रूप से “छुट्टी” कहा जा सकता है, लेकिन राजनीतिक संदेश, नेटवर्किंग या गुप्त संवाद भी इसी समय संभव हैं।
जैसे कि अमेरिका-चीन की गतिविधियों और ASEAN शिखर बैठक की तैयारी के बीच, यह एक सुरक्षित और अलग स्थान प्रदान करता है।
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#तो_क्या_चल_रहा_है_खेल?
1. अमेरिका चाहता है कि भारत-चीन टकराव की स्थिति में भारत में “मित्र सरकार” हो।
2. चीन चाहता है कि भारत में ऐसा नेतृत्व आए जो चीनी कम्युनिस्ट ब्लॉक के खिलाफ ज्यादा आक्रामक न हो।
3. और इसी खेल में राहुल गांधी को “एक विकल्प” के रूप में आज़माया जाने का प्रयास हो सकता है।
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साभार
#साज़िश_या_संजोग

